"अपूर्वः कोअपि कोशोअचं विद्यते तव भारति।
व्ययतो वृद्धिमायाति क्षयमायाति सञ्चयात्।।"
कुछ वर्षों पूर्व जो नौनिहाल पौधा मनोहर लाल अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर +2 विद्यालय लगाया गया था आज वो विशाल वृक्ष बन चुका है जिसका फल हजारों बच्चों के जीवन में मिठास घोल रहा है आज हमारा विद्यालय लोहरदगा क्षेत्र में मजबूत आधार स्तंभ के रूप में खड़ा है । प्रशिक्षित एवं समर्पित शिक्षक छात्रों के शैक्षिक , बौद्धिक , नैतिक , आध्यत्मिक एवं चारित्रिक विकास में उचित मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं । हमारे विद्यालय में छात्रों को केवल शिक्षा नहीं अपितु प्रयोजन के लिए भी मार्गदर्शन दिया जाता है ताकि वे वर्तमान चुनौतियों का सामना कर सकें।
मैं हमेशा से सहयोगी एवं परामर्शदाता के रूप में विद्यालय के साथ खड़ा हूं। मैं अपने समक्ष जब आप सभी छात्रों को विद्यालय के प्रांगण में देखता हूं तो मुझे अत्यंत प्रसन्नता होती है । आप सभी छात्रों का मैं इस विद्यालय के प्रांगण में स्वागत करते हुए कहना चाहता हूँ कि
विधाभ्यासस्तपो ज्ञानमिन्द्रियाणां च संयमः।
अहिंसा गुरुसेवा च निःश्रेयसकरं परम् ।।
शुभकामनाओं के साथ