आधुनिक भारत को विश्व में नयी पहचान दिलाने वाले महान संत स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि - ' हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे मनुष्य का चारित्रिक, मानसिक और बौद्धिक विकास हो जिससे की मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सके। ' विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान का अपना यह विद्यालय इसी दृष्टिकोण को सार्थक बनाने के लिए कटिबद्ध और प्रयासरत है।हम चाहते हैं कि अपने विद्यालय में पढ़ने वाले भैया बहनों का सर्वांगीण विकास हो। इसके लिए अपनी शिक्षा व्यवस्था में निर्धारित पाठ्यक्रम के अतिरिक्त शारिरिक, योग एवं खेलकूद, प्रश्नमंच, विज्ञान प्रदर्शनी, पर्यावरण संरक्षण, नैतिक एवं अध्यात्मिक शिक्षा सहित विविध पाठ्य सहगामी क्रियाएँ भी करायी जाती हैं जिससे अध्ययनरत भैया बहनों में नेतृत्व क्षमता और उनके व्यक्तित्व का विकास होता है । अपना यह क्षेत्र जनजातीय बहुल क्षेत्र है अत: न्यूनतम संभव शुल्क में भी अधिकतम और आधुनिकतम सुविधाओं के साथ प्रतिभाओं को निखारने का हमारा संकल्पित प्रयास है और आगे भी रहेगा।